कोयला खानों का राष्ट्रीयकरण 1970 के दशक में देश में निजी कोयला खानों में अवैज्ञानिक खनन पद्धतियों और श्रमिकों की खराब कार्य दशाओं को समाप्त करने के लिए किया गया था। 2014 में, भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय ने कोयला खान(राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 के उपबंधों के तहत 1993 से विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों को आवंटित की गई 204 कोयला खानों/ब्लॉकों को रद्द कर दिया। 2015 में, केंद्र सरकार कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम लेकर आई ताकि इन कोयला ब्लॉकों को फिर से आवंटित किया जा सके।कोयला खनन संक्रियाओं और कोयला उत्पादन में निरंतरता सुनिश्चित करने की दृष्टि से सफल बोली लगाने वालों को और खनन पट्टों के साथ भूमि और खान अवसंरचना में और उस पर के अधिकार, हक और हित को निहित करने जैसी सहवर्ती जिम्मेदारियों के संबंध में इस अधिनियम को प्रख्यापित किया गया था। इसके बाद, कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015 संसद द्वारा पारित किया गया था जिसे 30.03.2015 को एक अधिनियम के रूप में अधिसूचित किया गया था।
कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015 की धारा 6(1) के तहत नामनिर्दिष्ट प्राधिकारी कीनियुक्तिकी गई है और निम्नानुसार समग्र जिम्मेदारी दी गई है:
• नीलामी प्रक्रिया का आयोजन और आवंटन;
• नीलामी के अनुसरण में अनुसूची I कोयला खानों के अंतरण और निहित करने के लिए निधान आदेश का निष्पादन;
• धारा 5 के अनुसरण में किसी सरकारी कंपनी या निगम के लिए आवंटन आदेश का निष्पादन करना;
• अमूर्त अधिकारों को चाहे वे किसी भी प्रकृति के हों, जिनके अंतर्गत सहमति, अनुज्ञा, अनुज्ञापत्र, अनुमोदन, मंजूरी, रजिस्ट्रीकरण भी हैं, लेखबद्ध किया जाना और नामांतरण; और सीएम (एसपी) अधिनियम के उपबंधों के अनुसार नीलामी आगमों का संग्रहण, अधिमानी संदायों का समायोजन और ऐसी संबंधित राज्य सरकारों को जहाँ अनुसूची I कोयला खान अवस्थित है, रकम का अंतरण।
• नीलाम/आवंटित खानों का प्रचालन।
भारतीय कोयला क्षेत्र को हाल ही में निजी क्षेत्र द्वारा वाणिज्यिक खनन के लिए खोल दिया गया है और इस कदम से कोयला खनन में सभी हितधारकों के लिए कई लाभ उत्पन्न होने की उम्मीद है। अब तक नीलामी के 16 दौर आयोजित किए जा चुके हैं और 123 खानों का आवंटन किया जा चुका है।
श्री एम. नागराजू, आईएएस, अपर सचिव को 31जनवरी, 2020 से नामनिर्दिष्ट प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है ।
2. 2015 से जून 2020 तक, कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015 में निर्धारित प्रक्रिया और उसके तहत बनाए गए नियमों का पालन करते हुए, निर्दिष्ट अंत्य उपयोगों के लिए नीलामी के 10 दौर और आवंटन के 9 दौर पूरे किए गए जहां 35 खानों की नीलामी की गई और सीएमएसपी नियमों के नियम 11(10) के तहत सरकारी पीएसयू को कोयले की बिक्री के लिए आवंटित 13 कोयला खानों सहित 65 खानें आवंटित की गई थी। वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी शुरू होने से पूर्व सीएमएसपी अधिनियम के तहत आवंटित कोयला खानों की अद्यतन स्थिति निम्नानुसार है:-
आवंटन रुट | आवंटन हेतु खानें | रद्द की गई खानें | आवंटित खानें |
आवंटन | 50 | 10 | 40 |
नीलामी | 35 | 10 | 25 |
सीएमएसपी नियमों के नियम 11 (10) के तहत | 15 | 02 | 13 |
कुल | 100 | 22 | 78 |
कुल | 78 |
3. इसके बाद, 18 जून, 2020 को कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खानों की नीलामी शुरू की। अब तक, वाणिज्यिक नीलामियों के पांच दौर पूरे किए जा चुके हैं और नीलामी का छठा दौर शुरू किया गया है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:-
(i) वाणिज्यिक नीलामी के पहले दौर में, कुल 38 कोयला खानों की पेशकश की गई और 20 कोयला खानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई।
(ii) वाणिज्यिक नीलामी का दूसरा दौर 25 मार्च, 2021 को शुरू किया गया था, जहां 67 कोयला खानों को नीलामी के लिए रखा गया था, जिनमें से 12 कोयला खानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है।
(iii) तीसरा दौर 12 अक्टूबर, 2021 को शुरू किया गया था, जहां 88 कोयला खानों की पेशकश की गई थी, जिनमें से 16 कोयला खानों की नीलामी की जा चुकी है।
(iv) फिर चौथा दौर 16 दिसंबर, 2021 को शुरू किया गया, जहां 99 कोयला खानों को नीलामी के लिए रखा गया था, जिनमें से 8 कोयला खानों की नीलामी की जा चुकी है।
(v) वाणिज्यिक नीलामी का पांचवां दौर 30 मार्च, 2022 को शुरू किया गया था, और कुल 109 कोयला खानों को नीलामी के लिए रखा गया था, जिनमें से 8 की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है और 8 कोयला खानें जहां एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं, नीलामी के पांचवे दौर के दूसरे प्रयास, जिसे 03 नवम्बर, 2022 को शुरू किया गया था, के तहत हैं।
(vi) वाणिज्यिक कोयला खानों की नीलामी का छठा दौर 03 नवंबर, 2022 को शुरू किया गया था, जहां 141 कोयला खानों की पेशकश की गई है। नीलामी के छठे दौर और नीलामी के पांचवें दौर के दूसरे प्रयास के लिए प्री-बिड मीटिंग 16 नवंबर, 2022 को आयोजित की गई और बोली जमा करने की अंत्य तिथि 30 दिसंबर, 2022 है।
वाणिज्यिक नीलामी के तहत, 152.44 एमटीपीए की संचयी पीआरसी के साथ कुल 64 कोयला खानों की नीलामी की गई है। इन कोयला खानों के लिए प्राप्त राजस्व शेयर 5.00% से 344.75% तक है। सफलतापूर्वक नीलाम की गई 64 कोयला खानों में से 54 कोयला खानों के लिए कोयला खान/ब्लॉक विकास एवं उत्पादन समझौते (सीएमडीपीए/सीबीडीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, 45 कोयला खानों के लिए निधान आदेश जारी किए गए हैं (सीएमएसपी अधिनियम के तहत 27 और एमएमडीआर अधिनियम के तहत 12)। सफल बोलीदाताओं द्वारा परफोरमेंस सिक्योरिटी जमा नहीं करने के कारण 4 कोयला खानों के लिए सीएमडीपीए को रद्द कर दिया गया है।
नीलामी का 6वां दौर और नीलामी के 5वें दौर का दूसरा प्रयास 03.11.2022 को शुरु किया गया है जिसमें वाणिज्यिक खनन के लिए 141 कोयला/लिग्नाइट खानों की पेशकश की गई है [6वें दौर में 133 और 5वें दौर के दूसरे प्रयास में 8]। बोली की नियत तिथि 13.01.2023 है। नामनिर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा आवंटित कोयला खानों का विवरण अनुबंध-I में संलग्न है।
नामनिर्दिष्ट प्राधिकारी ने अब तक कोयला खान (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2015 और खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 के उपबंधों के तहत 129 कोयला खानों का आवंटन किया है।
नामनिर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा आवंटित कोयला खानों में से 50 कोयला खानों ने खान खोलने की अनुमति प्राप्त कर ली है और अब तक 39 कोयला खानें कोयले का उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा, कोयला खान (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1973 के उपबंधों के तहत आवंटित 4 कोयला ब्लॉकों, जिन्हें माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द नहीं किया गया था, को खान खोलने की अनुमति मिल गई है और कोयले का उत्पादन कर रहे हैं। उपरोक्त खानों से कोयला उत्पादन का विवरण निम्नानुसार है : -
वर्ष | प्रचालनरत कोयला ब्लॉकों की संख्या | कोयला उत्पादन (मि.ट.) |
2015-16 | 18 | 29.50 |
2016-17 | 19 | 32.53 |
2017-18 | 26 | 36.88 |
2018-19 | 34 | 49.91 |
2019-20 | 39 | 58.88 |
2020-21 | 46 | 63.14 |
2021-22 | 53 | 85.32 |
2022-23 (नवंबर 2022 तक) | 54 | 67.16 |
कोयला मंत्रालय/नामनिर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा आवंटित कैप्टिव कोयला खानों और वाणिज्यिक कोयला खानों से कोयले का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न अंत्य उपयोगकर्ताओं को कोयले की आपूर्ति करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड का बोझ कम हो रहा है, मूल्यवान विदेशी मुद्रा की बचत हो रही है और इससे देश में व्यापार सुगमता में सहायता मिल रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में, कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खानों से कोयले का उत्पादन 85.32 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) था और वित्त वर्ष 2022-23 में, कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खानों से कोयले का उत्पादन लगभग 120 एमटीपीए होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2021-22 से लगभग 40% एमटीपीए ज्यादा है। यह कोयला मंत्रालय द्वारा आवंटित कोयला खानों की एक बड़ी उपलब्धि है और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक उल्लेखनीय कदम है।
अनुलग्नक-I