खनन के कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने और निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में प्रगति के लिए कोयला/लिग्नाइट कंपनियां नवीकरण को बढ़ावा देने को उत्सुक हैं। कोयला कंपनियां रूफ टॉप सोलर और ग्राउंड माउंटेड सोलर परियोजनाओं, दोनों के लिए प्रयास कर रही हैं। कुछ पुनरूद्धारित खनन क्षेत्रों में सोलर पार्क विकसित करने की भी परिकल्पना की गई है।
31.03.2022 तक कोयला/लिग्नाइट पीएसयू में लगभग 1598 मे.वा. और 51 मे.वा. की विंड मिलों की स्थापित सोलर क्षमता आगामी 5 वर्षों के दौरान अतिरिक्त 5560 मे.वा. नवीकरणीय क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
ग्राउंड माउंटेड दो मेगावॉट की सोलर परियोजनाओं सहित सीआईएल ने 8.9 मे.वा. के सोलर विद्युत संयंत्र पहले ही स्थापित कर दिए हैं। जीवाश्म ईंधन उत्पादक कोल इंडिया ने अपने आप को अलाइन किया है और यह नेट जीरो एनर्जी कंपनी बनने के लिए प्रतिबद्ध है तथा वर्ष 2023-24 तक 3 गी.वा. सौर विद्युत कार्यक्रम को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया चल रही है।
![400 KWp Rooftop Solar Installation in CCL (HQ), Ranchi](/sites/default/files/inline-images/image1pr.jpg)
![Solar Installation in CCL](/sites/default/files/inline-images/image2pr.jpg)
![60 kWP installed on rooftop in Ballarpur Area Office, WCL](/sites/default/files/inline-images/image3pr.png)
![SCCL: Solar Power Plant at Manuguru (30 MW)](/sites/default/files/inline-images/image4pr.jpg)
![SCCL: Solar Power Plant at STTP (10 MW)](/sites/default/files/inline-images/image5pr.png)
![Roof Top Solar Power Panels on Residential Building at Neyveli, NLCIL](/sites/default/files/inline-images/image6pr.jpg)
![Solar Power Panels at Block-4, Neyveli, NLCIL](/sites/default/files/inline-images/image7pr.jpg)
![NLCIL: Solar Power Panel in Ramanathapuram District](/sites/default/files/inline-images/image8pr.jpg)
![NLCIl : Wind Mill in Kazhuneerkulam, Tirunelveli District](/sites/default/files/inline-images/image9pr.jpg)
एनएलसीआईएल की उल्लेखनीय नवीकरणीय परियोजनाओं में से एक परियोजना पोर्ट ब्लेयर एवं दक्षिण अंडमान में सोलर विद्युत संयंत्र की स्थापना है–जो ग्रिड तकसोलर विद्युतकी पहुंच सरल बनाने हेतु 8 मे.वा.प्र.घ. बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) के साथ एकीकृत है। इस संयंत्र के कारण, पोर्ट ब्लेयर एवं दक्षिणी अंडमान की दिन की अधिकतम आवश्यकता के पर्याप्त भाग को सोलर विद्युत के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इससे डीजल की वार्षिक खपत कम होगी और कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी।
तमिलनाडु राज्य के काज़ुनीरकुलम, तिरूनेलवेली जिले में एनएलसीआईएल की 51 मे.वा. की पवनचक्कियां हैं। पहला विंड टर्बाइन जनरेटर 29 अगस्त, 2014 को शुरू किया गया था और 31 विंड टर्बाइन जनरेटर जुलाई, 2015 तक शुरू किए जा चुके हैं।
आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के अनुरूप, कोल इंडिया लिमिटेड सोलर पैनलों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ बनाने हेतु एक वेफर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित कर रही है। 45000 टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाले इस प्रस्तावित प्लांट में लगभग 45400 करोड़ रु. का पूंजीगत निवेश शामिल है।